Shani Chalisa PDF | Shani Chalisa PDF [Download]

Shani Chalisa PDF English and Hindi is a devotional prayer dedicated to Lord Shani, the planet Saturn. In Hinduism, Shani is one of the most revered deities, believed to influence the fate of human beings. Devotees chant Shani Chalisa to seek the blessings of Lord Shani and to ward off the ill effects of Saturn in their lives. In this article, we will discuss the significance of Shani Chalisa and provide a downloadable PDF of the prayer.

Introduction: Who is Lord Shani?

Lord Shani is the Hindu god associated with the planet Saturn. In Hindu mythology, he is believed to be the son of Lord Surya (the Sun god) and his wife Chhaya (shadow). Shani is depicted as a dark-skinned man with a fierce expression, riding a chariot pulled by black horses.

Understanding the Importance of Saturn in Astrology

In astrology, the planet Saturn is known as the “great malefic.” It is believed that the position of Saturn in a person’s birth chart can significantly influence their life events. A strong Saturn can bestow prosperity, while a weak one can lead to poverty, misfortunes, and obstacles in life.

The Significance of Shani Chalisa

Shani Chalisa is a devotional prayer that is chanted to appease Lord Shani and seek his blessings. The prayer comprises forty verses (chalisa) that describe the glory and attributes of Lord Shani. The chanting of Shani Chalisa is believed to have the following benefits:

  • Removes obstacles and misfortunes caused by a weak Saturn in the birth chart
  • Brings success, prosperity, and abundance
  • Protects from accidents, illnesses, and miseries
  • Promotes spiritual growth and enlightenment

Understanding the Shani Mantra

Apart from Shani Chalisa, devotees also chant the Shani Mantra to invoke the blessings of Lord Shani. The Shani Mantra is as follows:

“Om Sham Shanaiscarya Namaha”

This mantra is chanted 108 times a day to appease Lord Shani and alleviate the malefic effects of Saturn. The chanting of this mantra is believed to bring good luck, success, and prosperity in life.

Download Shani Chalisa PDF

We have provided a downloadable PDF of Shani Chalisa that you can use to chant the prayer. The PDF contains the original text in Hindi, along with its English translation. You can download the PDF by clicking the following link:

।। शनि चालीसा ।।

।। दोहा ।।
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल । दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ।।
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज । करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ।।

हिंदी अनुवाद
हे पार्वती माता के लाडले पुत्र प्रभु श्री गणेश, आपकी सदा जय हो। आप मंगलकारी व् सब पर अपनी कृपा बरसाने वाले हैं। हे प्रभु, हम दीन-हीन लोगों के दुख दुर कर हमें निहाल करें। हे श्री शनिदेव, आपकी सदा ही जय हो, हे महाराज, हमारी विनती सुनिए, हे भगवान् सूर्यपुत्र हम पर अपनी कृपा करें और हमारी लाज रखें।

।। चौपाई ।।

जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ।।
चारि भुजा तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छबि छाजै ।।
परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ।।
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिय माल मुक्तन मणि दमकै ।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं अरिहिं संहारा ।।

हिंदी अनुवाद
हे दयालु प्रभु शनिदेव, आपकी सदा जय-जयकार हो, आप सदा अपने भक्तों का पालन-पोषण करते है। आपकी चार भुजाये व् श्याम वर्ण है। आपके मस्तक पर पहना रतन जड़ित मुकुट आपकी छवि की शोभा को और बढा रहा है। आपका बड़ा मस्तक मनोहर है, आपकी विकराल भृकुटी व् टेढी दृष्टि है। आपके कानों के सोने के कुंडल अत्यंत ही चमकदार हैं। आपके गले में मोतियों व मणियों का माला दमक रही है। आप अपने हाथों में गदा, त्रिशूल व कुठार अस्त्र धारण किए हुए हैं, जिनसे आप पल भर में ही शत्रुओं का संहार कर देते हैं।

पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुख भंजन ।।
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ।।
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं । रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ।।
पर्वतहू तृण होई निहारत । तृणहू को पर्वत करि डारत ।।

हिंदी अनुवाद
पिंगल, कृष्ण, छाया, नन्दन, यम, कोणस्थ, रौद्र, दु:ख भंजन, सौरी, मंद, शनि ये आपके दस नाम हैं। हे भानुपुत्र, सभी कार्यों की सफलता के लिए आपको पूजा जाता है। जिस पर आप प्रसन्न होते हैं, आपकी कृपा से वह क्षण मात्र में ही रंक से राजा बन जाते है। आपके भक्तजनो के सामने पर्वत समान समस्या भी उसे घास के तिनके सी हो जाती है परंतु यदि आप जिस पर नाराज हो जांए तो उनकी तिनके समान छोटी सी समस्या भी पर्वत रूपी बड़ी बन जाती है।

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो । कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ।।
बनहूँ में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चुराई ।।
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा । मचिगा दल में हाहाकारा ।।
रावण की गति मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ।।
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग  बीर की डंका ।।

हिंदी अनुवाद
हे शनिदेव, आपकी ही दशा के कारण भगवान् श्रीराम को राज्य की जगह वनवास मिला। आपकी दशा ने केकैयी की मति को हर लिया था। वन में मायावी मृग ने जो कपट दिखाया तो आपकी दशा के कारण ही माता जानकी की चतुराई भी किसी काम ना आयी। आपकी दशा से ही लक्ष्मणजी को शक्ति लगी और उनके प्राणों पर संकट आन खड़ा हुआ परिणामस्वरूप उनके दल में हाहाकार मच गया था। आपकी दशा से रावण की मति भ्रस्ट होने से उसने ऐसा बुद्धिहीन काम किया कि प्रभु श्रीराम से बैर बढाई। आपकी दशा के कारण वीर बजरंग बली ने लंका को जलाकर राख कर दिया व् उनका डंका पूरे विश्व में बजा।

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ।।
हार नौलखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी ।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ।।
विनय राग दीपक महं कीन्हयों । तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ।।
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ।।
तैसे नल पर दशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी ।।

 

(Scroll down to Download, Shani Chalisa PDF in Hindi)

हिंदी अनुवाद
आपके रुष्ट होने पर राजा विक्रमादित्य को जंगल-जंगल भटकना पड़ा। उनके आँखों के सामने मोर का चित्र हार निगल लिया और उन्हें चोर समझा गया। नौलखे हार को चुराने के शक में उनके हाथ पैर तुड़वा डाले। आपकी दशा के कारण ही उन्हें एक तेली के घर कोल्हू चलाना पड़ा था। जब राजा विक्रमादित्य ने राग दीपक में आपसे विनती कर आपको प्रसन्न किया तो आपने उन्हें सुख समृद्धि से संपन्न कर दिया।
आपकी उल्टी दशा चलने से राजा हरिश्चंद्र की पत्नी तक बिक गई, और उन्हें खुद भी डोम के घर पानी भरना पड़ा। ऐसे ही आपकी उलटी दशा चलने पर राजा नल व रानी दयमंती को भी कष्ट भोगना पड़ा, और भूनी हुई मछली तक वापस जल में कूद गई और राजा नल को भूखों मरना पड़ा।

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई । पार्वती को सती कराई ।।
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ।।
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रौपदी होति उघारी ।।
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्ध महाभारत करि डारयो ।।
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ।।
शेष देवलखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ।।

हिंदी अनुवाद
आपकी उल्टी दशा जब भगवान शंकर पर पड़ी तो पार्वती जी को हवन कुंड में कूदकर सती होना पड़ा। आपके कोप से श्री गणेश का शीश धड़ से अलग होकर आकाश में उड़ गया।
जब आपकी उल्टी दशा पांडवों पर पड़ी तो द्रौपदी चीरहरण होते-होते बची। आपकी उल्टी दशा के कारण कौरवों की मति मारी गयी, उनके कर्म उलटे हो गए और उन्होंने महाभारत का युद्ध कर डाला।
आपके पिता सूर्यदेव की उल्टी चलने पर आप स्वयं उन्हें अपने मुख धर पाताल लोक में कूद गए थे और बाकी देवताओं द्वारा लाख विनती के बाद आपने सूर्यदेव को अपने मुख से छोड़ा था।

वाहन प्रभु के सात सजाना । जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ।।
जम्बुक सिंह आदि नख धारी । सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पति उपजावैं ।।
गर्दभ हानि करै बहु काजा । सिंह सिद्धकर राज समाजा ।।
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्राण संहारै ।।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ।।

हिंदी अनुवाद
हे प्रभु शनिदेव, हाथी, घोड़ा, गधा, हिरण, कुत्ता, सियार और शेर ये आपके सात वाहन हैं। जिस वाहन पर सवार हो आप आते है उसके आधार पर ही ज्योतिष फल की गणना करते है। जब आप हाथी पर सवार आते हैं घर में लक्ष्मी आती है। जब घोड़ा आपकी सवारी होता हैं तो सुख-संपत्ति का लाभ होता है। जब आप गधे पर सवार आते है तो कार्यों में रुकावटे आती है| शेर पर सवार जब आप आते हैं तो समाज में प्रसिद्धि व्  मान-सम्मान बढाते हैं| जब सियार पर सवार होकर आते है तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है| हिरण पर सवार जब आप आते हैं तो जानलेवा शारीरिक कष्ट व् प्राण जाने तक खतरा होता हैं। हे प्रभु, जब आप कुत्ते पर सवार आते हैं तो यह किसी चोरी का भारी डर रहता है।

 

Shani Chalisa PDF in Hindi Download Link

ऑफ़लाइन पढ़ने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और Shani Chalisa PDF in Hindi Free Download करें।

Tips for Chanting Shani Chalisa

If you plan to chant Shani Chalisa, here are a few tips that can help you maximize its benefits:

  • Chant the prayer in a clean and quiet place
  • Light a diya (lamp) and incense before you begin
  • Wear clean clothes and sit on a mat or rug
  • Offer prasad (sweet) to Lord Shani
  • Chant the prayer with devotion and faith

 

Conclusion

Shani Chalisa is a powerful devotional prayer that can help you overcome the malefic effects of Saturn and bring success, prosperity, and spiritual growth to your life. Along with Shani Chalisa, chanting the Shani Mantra can further enhance the benefits. We hope that our article has helped you understand the significance of Shani Chalisa and how to chant it for maximum benefit.

FAQs

  1. Is Shani Chalisa only for people who have a weak Saturn in their birth chart?

No, anyone can chant